Omicron : Its symptoms and cure
दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एंजेलिक कोएत्ज़ी, जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस के इस नए संस्करण की जानकारी दी थी, उन्होंने कहा कि इस संस्करण के लक्षण ‘बेहद हल्के’ होते हैं, इससे संक्रमित कई लोगो को तो गंध भी सही तरिके से आ रही होती है और उनके मुँह का स्वाद भी नहीं बदलता, इसलिए इसका पता लगाना भी और अधिक कठिन होता है।
डब्ल्यूएचओ ने साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट बी.1.1.529 को 26 नवंबर को ओमाइक्रोन या ओमीक्रोन नाम दिया है। उसी दिन संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा इसे चिंता का वषय मानते हुए सावधान रहने की सलाह दी है। अब तक नए कोरोनावायरस संस्करण से जुड़े मामले ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका समेत ११ अन्य देशो में सामने
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि डेल्टा सहित अन्य प्रकारों के कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण की तुलना में ओमाइक्रोन का संक्रमण अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है या नहीं। प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिण अफ्रीका के अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और ओमिक्रॉन संक्रमण के परिणामस्वरूप संक्रमित होने वाले लोगों की कुल संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे हम यह अनुमान लगा सकते है की कोरोना वायरस का यह वेरिएंट अन्य कोरोना वायरस से अधिक तेजी से फैलता है और आज यही पुरे विश्व की चिंता का कारण बना हुआ है।
• कोरोना वायरस के नए वेरिएंट बी.1.1.529 या ओमीक्रोन या ओमाइक्रोन से संक्रमित मरीजों ने ‘गले में तेज दर्द, खरोंच या गले में जलन’ की शिकायत की है । साथ ही मरीजों ने हल्के मांसपेशियों में दर्द, और सूखी खांसी की शिकायत भी की है।
• इस वायरस से प्रभावित रोगियों, चाहे वे किसी भी आयु के क्यों न हो, में अत्यधिक थकान दिखाई देती है।
• इस वायरस से प्रभावित रोगिओं में ऑक्सीजन स्तर में भारी गिरावट का कोई मामला सामने नहीं आया है। भारत में, COVID-19 महामारी की दूसरी लहर में कोरोना वायरस के रोगियों में ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के अत्यधिक मामले दर्ज किये गए थे।
• डॉक्टरों के अनुसार, केवल कुछ रोगियों ने थोड़ा अधिक बुखार होने की सूचना दी और संक्रमित होने वाले अधिकांश मरीज़ अस्पताल में भर्ती होने के बाद ठीक हो गए ।
• इस वायरस से प्रभावित रोगियों में स्वाद या गंध से जुडी किसी भी समस्या का कोई भी मामला नजर नहीं आया।
Omicron ke lakshan or upay in hindi – Omicron virus signs in Hindi
संपूर्ण विश्व की सरकारों और स्वास्थ्य विभाग द्वारा फिर से कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए WHO ने भी गाइडलाइंस जारी कर दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ओमीक्रोन वेरियंट कोरोना के पिछले वेरियंट की तुलना में अधिक खतरनाक है जिसका संक्रमण भी तेज़ी से फैलता है। इसे “वेरिएंट ऑफ कंसर्न” भी घोषित कर दिया गया है।
ओमीक्रोन से बचने के उपाय – WHO की तरफ से ओमीक्रोन से बचने के लिए अभी तक कोई विशेष उपाय नहीं बताए गए हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो अभी कोरोना महामारी के प्रति अधिक सतर्कता और जागरूक रहने की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति को भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने और मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है। सामाजिक उत्सवों, समारोह आदि में भी लोगों की कम से कम भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। साफ – सफाई और सामाजिक दूरी के नियम का उचित पालन करने को कहा गया है। हर व्यक्ति को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाए जाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बाहर देशों से आने वाले व्यक्तियों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को बढ़ा दिया गया है, ताकि संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके।
सभी तरह के लोगों की एंटीबॉडी पर हुआ रिसर्च इसके लिए शोधकर्ताओं ने पहले कोविड के विभिन्न वेरिएंट से ठीक हुए मरीजों की एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया, जिन्हें पहले के वेरिएंट के लिए वैक्सीन लग चुकी है, उनकी एंटीबॉडी का प्रयोग किया या उनकी भी एंटीबॉडी पर भी रिसर्च किया जो संक्रमित होने के बाद वैक्सीन भी लगवा चुके हैं। टीम ने पाया कि उन सभी लोगों में जो पहले के स्ट्रेन से संक्रमित हो चुके थे और जो मौजूदा प्रचलित 6 वैक्सीन की डोज लगवा चुके थे, उनमें इस इंफेक्शन (ओमिक्रॉन) को रोकने की क्षमता कम थी। जो लोग कोविड से संक्रमित होकर ठीक हो गए थे और दोनों डोज वैक्सीन भी लगवा चुके थे, उनकी भी इंफेक्शन रोकने की क्षमता कम थी, लेकिन फिर भी वे पहले वालों के मुकाबले ज्यादा बेहतर स्थिति में थे। इससे स्पष्ट होता है कि संक्रमण के बाद वैक्सीनेशन असरदार है।
READ MORE : –Home Remedies For Glowing and Healthy Skin
Disclaimer :- इस साईट पर उपलब्थ सभी जानकारी और लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है | यह पर दी गई जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना किसी योग्य चिकित्सक या वैद्य या विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए | चिकित्सा परिक्षण या उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक या वैद्य या विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए |